अशरत ए कतरा है दरिया में फनाह हो जाना
अशरत ए कतरा है दरिया में फनाह हो जाना
दर्द का हद से गुज़ारना है दवा हो जाना
अशरत ए कतरा
अब जफा से भी हैं महरोम हम अल्लाह अल्लाह
अब जफा से भी हैं, जफा से भी हैं
महरोम हम अल्लाह अल्लाह
अब जफा से भी हैं महरोम हम अल्लाह अल्लाह
अब जफा से भी हैं महरोम हम अल्लाह अल्लाह
इस कदर दुश्मन हर बार वफ़ा हो जाना
इस कदर दुश्मन हर बार वफ़ा हो जाना
दर्द का हद से गुज़ारना है दवा हो जाना
अशरत ए कतरा
है मुझे अब रे बहारी का बरस कर खुलना
बरस कर खुलना, बरस कर खुलना
बरस कर खुलना, बरस कर खुलना
है मुझे अब रे बहारी का बरस कर खुलना
है मुझे अब रे बहारी का बरस कर खुलना
रोते रोते गम ए फुरकत में फनाह हो जाना
रोते रोते गम ए फुरकत में फनाह हो जाना
अशरत ए कतरा
बक्से हैं जलवाये गुल्जों के तमाशा ग़ालिब
बक्से हैं जलवाये गुल्जों के तमाशा ग़ालिब
बक्से हैं जलवाये गुल्जों के तमाशा ग़ालिब
बक्से हैं जलवाये गुल्जों के तमाशा ग़ालिब
जस्म को चाहिये हर रंग में वा हो जाना
जस्म को चाहिये हर रंग में वा हो जाना
दर्द का हद से गुज़ारना है दवा हो जाना
अशरत ए कतरा है दरिया में फनाह हो जाना
दर्द का हद से गुज़ारना है दवा हो जाना
अशरत ए कतरा
दिल से मिटना तेरी अन्गुश्त हिनाई का ख्याल हो गया गोश्त से नाखून का जुदा हो
जाना